फाइव स्टार तांत्रिक

लघु कथा

Akhilesh Srivastava Chaman

1/5/20241 मिनट पढ़ें

क्षेत्रीय विधायक दूबेजी चुनाव में अपनी जीत को ले कर पूरी तरह से आश्वस्त थे। कारण कि इस बार भी जीत के लिए उन्होंने वही टोटका अपनाया था जो पिछली बार। विधान सभा के पिछले चुनाव में काशी के एक सिद्ध तांत्रिक ने उनकी जीत के लिए तंत्र-साधना की थी और वे चुनाव जीत गए थे। दूबेजी को पूर्ण विश्वास था कि उनको विजयश्री उक्त तंत्र-साधना की बदौलत ही प्राप्त हुयी थी।

इस बार भी उन्होंने उसी तांत्रिक की सेवायें ली थी। इधर ज्योतिषी के द्वारा बताए शुभ मुहूर्त में दूबे जी ने अपना नामांकन दाखिल किया और उधर उनके व्यक्तिगत तांत्रिक महोदय तंत्र-साधना करने के लिए बैठ गए थे। नामांकन की तिथि से ले कर चुनाव परिणाम घोषित होने की तिथि तक लगातार तंत्र साधना चलती रही थी। लेकिन दुर्योग कि तंत्र-साधना सफल नहीं हो सकी। इस बार परिणाम दूबे जी के विपरीत आया। जीत उनके प्रतिद्वंदी चैबे जी को हासिल हुयी। दूबे जी हैरान थे कि आखिर चूक कहाॅं हो गयी।

‘‘अरे चैबे ! एक बात बताओ। मेरे तांत्रिक की तंत्र-साधना के बावजूद आखिर तुम जीत कैसे गए ?’’ कुछ दिनों के बाद एक सामाजिक आयोजन में भेंट होने पर दूबेजी ने अपने प्रतिद्वंदी चैबेजी से पूछा।

‘‘दरअसल मैंने पता कर लिया था कि पिछली बार तुम्हारे लिए तंत्र-साधना करने वाला तांत्रिक टू स्टार वाला था। उसकी काट के लिए मैंने थ्री स्टार तांत्रिक से तंत्र साधना कराई थी।’’ चैबे जी ने रहस्योद्घाटन किया।

सुना है तभी से दूबेजी अगले चुनाव के लिए किसी फाइव स्टार तांत्रिक की तलाश में लगे हैं।

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